श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर Sri Ganganagar | |
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नहर के कारण श्रीगंगानगर में सिंचाई उपलब्ध है लेकिन कई मरुस्थलीय क्षेत्र भी देखे जाते हैं | |
निर्देशांक: 29°55′N 73°53′E / 29.92°N 73.88°Eनिर्देशांक: 29°55′N 73°53′E / 29.92°N 73.88°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | श्रीगंगानगर ज़िला |
ऊँचाई | 178 मी (584 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,37,780 |
• घनत्व | 179 किमी2 (460 वर्गमील) |
भाषा | |
• प्रचलित भाषाएँ | राजस्थानी, पंजाबी, हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी 5:30) |
पिनकोड | 335001 |
दूरभाष कोड | 0154 |
वाहन पंजीकरण | RJ-13 |
श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) भारत के राजस्थान राज्य के श्रीगंगानगर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय है, राजस्थान का उत्तरतम नगर है और पाकिस्तान के समीप स्थित है। श्रीगंगानगर एक नियोजित नगर है, जिसका नाम बीकानेर रियासत के महाराज गंगा सिंह पर रखा गया था।[1][2]
विवरण
[संपादित करें]श्रीगंगानगर ज़िले की सीमाएं हनुमानगढ, बीकानेर, पंजाब के फाजिल्का तथा पाकिस्तान के बहावलनगर से लगती हैं। बठिण्डा, अम्बाला, हरिद्वार, दिल्ली, आगरा, कानपुर, पटना, हावड़ा, भोपाल, बीकानेर, जयपुर, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, अहमदाबाद, सूरत, अकोला, नांदेड़, वसाई रोड, मुम्बई, कोजीकोड, एरनाकुलम, कोच्चुवेली, के लिए रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। यह राजस्थान प्रदेश का सबसे उत्तरी जनपद है जिसके उत्तर में फाज़िल्का ज़िला (पंजाब) एवं हनुमानगढ़ ज़िला, दक्षिण में बीकानेर तथा चूरू, तथा पश्चिम में पाकिस्तान है। पहले यह बीकानेर राज्य का एक भाग था।
गंगानगर जनपद का प्रमुख प्रशासकीय केंद्र तथा विकासशील नगर भी है। इसका नामकरण बीकानेर के महाराज गंगासिंह के नाम पर हुआ है। यह जिले के सर्वाधिक समुन्नत तथा सिंचित कृषिक्षेत्र में स्थित होने के कारण प्रमुख व्यापारिक मंडी तथा यातायात केंद्र हो गया है। श्रीगंगानगर को राजस्थान का अन्न का कटोरा भी कहा जाता है | यहाँ जनपदीय प्रशासनिक कार्यालयों तथा न्यायालयों के अतिरिक्त कई स्नातक महाविद्यालय तथा अन्य सांस्कृतिक संस्थान हैं। यह नगर पूर्णतया 20वीं शताब्दी की देन है। पहले इसे रामनगर या रामू की ढाणी कहते थे। बाद में गंगानगर हुआ। लेकिन गंग-नहर सिंचाई परियोजना द्वारा क्षेत्र में कृषि का विकास होने के कारण इसकी जनसंख्या अधिक बढ़ गई है। यहाँ 1945 में चीनी का कारखाना खोला गया। यहाँ एक औद्योगिक संस्थान की भी स्थापना हुई है। श्रीगंगानगर में श्री बुड्ढाजोहड़ गुरुद्वारा व लैला-मजनुं मजार तथा श्रवण टीला भी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं |मानसून में बदलाव वर्षा सितम्बर माह में होने लगी है.
जलवायु
[संपादित करें]श्री गंगानगर की जलवायु बहुत गर्म है। गर्मी में तापमान 52° सेल्सियस पहुंच जाता है और शीतकालीन में -2° सेल्सियस के आसपास गिर जाता है। औसत वार्षिक वर्षा केवल 20 सेमी होती है। वर्षा की मात्रा, जलवायु तथा जलपूर्ति की दृष्टि से यह जनपद राजस्थान के रेतीले एवं शुष्क क्षेत्र में पड़ता है इस संपूर्ण क्षेत्र में जल का धरातलीय प्रवाह (Surface run off) नहीं के बराबर है। संपूर्ण जनपद बृहद बालुकामय मैदान है। एकमात्र नदी घग्गर है जिसका प्रवाह हनुमानगढ़ के पास ही रेत में समाप्तप्राय हो जाता है। जनवरी का अधिकतम ताप 20.70 सें. तथा निम्नतम 2.40 सें. रहता है। ग्रीष्म के जून महीने में अधिकतम ताप 43.0 सें. तक हो जाता है किंतु गंगानगर में 50.0 सें. तक की संभावना रहती है। जिले में औसत वार्षिक वर्षा 8.580 सें. होती है और वर्षा के कुल दिन 15.2 हैं। अधिकांश वर्षा (6.690 सें.) जून-जुलाई-अगस्त महीनों में हो जाती है। राजस्थान में सर्वाधिक रेत के तूफान गंगानगर जिले में ही आते हैं। ओले कभी-कभार, दशाब्दियों में एकाध बार, पड़ते हों।
जिले की रेतीली भूमि में जलपूर्ति करने पर उत्पादन शक्ति बहुत अधिक हो जाती है। घग्गर-घाटी की मटियार भूमि तथा वर्षा ऋतु में भर जाने वाले तालाब तथा झीलों के तल में प्राप्य मटियार दोमट गेहूँ एवं चने की फसलों के लिए प्रसिद्ध हैं। न केवल भाखड़ा-नंगल-योजना के जल द्वारा (संभाव्य सिंचनक्षेत्र 7,70,000 एकड़), प्रत्युत हनुमानगढ़ से विकसित विशाल राजस्थान-नहर-परियोजना द्वारा, जो विश्व में अपने ढंग की सर्वाधिक लंबी नहर है, जनपद का सर्वागीण विकास किया जा रहा है। जिले का गंग-नहर-उपनिवेशक्षेत्र भारत का सबसे कोरा क्षेत्र है जहां सर्वाधिक ट्रैक्टर प्रयुक्त हो रहे हैं। सिंचाई की वृद्धि के साथ कृषि के यांत्रिक साधनों का अधिक उपयोग होता जा रहा है। जनपद में स्थित सूरतगढ़ फार्म एशिया महादेश का वृहत्तम सुनियोजित 30,670 एकड़ का फार्म है जिसमें यांत्रिक कृषि होती है। यह कृषिक्षेत्र प्रयोगशाला सदृश है जिसमें शुष्क प्रदेश के उपयुक्त कृषि का विकास करने, समुन्नत बीज उत्पन्न करने, पशुओं की नस्लें समुन्नत करने आदि के प्रयोग किए जा रहे हैं। अत: जनपद की कृषिव्यवस्था जीविकायापन कृषि की स्थिति से निकलकर वाणिज्य कृषि की ओर तीव्र गति से अग्रसर हो रही है। खाद्यान्नों के अतिरिक्त गन्ना एवं कपास का उत्पादन बढ़ रहा है। कृषि पदार्थों पर आधारित उद्योग-धंधे पनप रहे हैं। गंगानगर में चीनी का कारखाना तथा औद्योगिक संस्थान, हनुमानगढ़ में उर्वरक कारखाना, रायसिंहनगर में औद्योगिक, प्राविधक तथा शैक्षणिक संस्थान आदि जनपद की विकासशीलता के सूचक हैं। भाखड़ा-नंगल-योजना द्वारा जनपद के प्रमुख स्थानों को बिजली प्राप्त हो रही है।
जनसंख्या
[संपादित करें]2001 की जनगणना के अनुसार गंगानगर शहर की कुल जनसंख्या 2,10,788 है; और गंगानगर ज़िले की कुल जनसंख्या 17,88,427 है। यह राजस्थान का सर्वाधिक सिख आबादी वाला जिला है। जिला मुख्यालय से पंजाब की सीमा महज पांच किलोमीटर दूर है। जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र बहुल है।
भारत की जनगणना की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, 2011 में गंगानगर की जनसंख्या 224,532 है। 2024 में गंगानगर शहर की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या 316,000 है |[3]
प्रसिद्ध लोग
[संपादित करें]- अवतार सिंह चीमा - माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला प्रथम भारतीय।
- जगजीत सिंह - प्रसिद्ध गजल गायक
- रविन्द्र कौशिक - पूर्व रॉ जासूस।
- केदारनाथ शर्मा, राजस्थान सरकार के पूर्व होम मिनिस्टर
- जगदीश जांदू, पांच वर्ष कार्यकाल पूरा करने वाले पहले सभापति। दूसरे कार्यकाल में प्रत्यक्ष निर्वाचन में भी निर्वाचित हुए पहले सभापति बने। लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही त्याग पत्र दिया।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990
- ↑ "Ganganagar City Population 2024 | Literacy and Hindu Muslim Population". www.census2011.co.in. अभिगमन तिथि 2024-09-22.