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रिची द्वीपसमूह

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रिची द्वीपसमूह
भूगोल
अवस्थितिहिन्द महासागर
निर्देशांक12°14′N 93°10′E / 12.233°N 93.167°E / 12.233; 93.167निर्देशांक: 12°14′N 93°10′E / 12.233°N 93.167°E / 12.233; 93.167
द्वीपसमूहरिची द्वीपसमूह
क्षेत्रफल285 km2 (110 sq mi)
प्रशासन
जनसांख्यिकी
जनसंख्या8,247

रिची द्वीपसमूह भारत के अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह की एक अंश है जिसके द्वीप बृहत अण्डमान (ग्रेट अण्डमान) से पूर्व में अंडमान सागर में स्थित हैं। रिची द्वीपसमूह में ४ बड़े द्वीप, ७ छोटे द्वीप और कई नन्हें टापू व समुद्र से बाहर उभरी हुई चट्टानें हैं, जो बृहत अण्डमान से सामांतर उत्तर-दक्षिण दिशा में विस्तृत हैं। बैरन द्वीप, जो एक सक्रीय ज्वालामुखी है, ७५ किमी और भी पूर्व में स्थित है।[1]

घटते हुए क्षेत्रफल के क्रमानुसार इस द्वीपसमूह के द्वीप इस प्रकार हैं:

रिची द्वीपसमूह के द्वीप एक चाप (आर्क) में सर्वोत्तरी उत्तर बटन द्वीप से लेकर 60 कि॰मी॰ (200,000 फीट) नीचे सर्वदक्षिणी ह्यू रोज़ द्वीप तक फैले हैं। इनके और बृहत अण्डमान के द्वीपों के बीच की जलसन्धि की चौड़ाई 30 कि॰मी॰ (98,000 फीट) से लेकर कुछ स्थानों में 10 कि॰मी॰ (33,000 फीट) से भी कम तक की है। रिची द्वीपसमूह के अधिकतर द्वीप पास-पास हैं और इनके बीच में समुद्र बहुत ही कम गहराई का है। देखने में इन द्वीपों के बीच का पानी नदियों जैसा लगता है। ह्यू रोज़ द्वीप, नील द्वीप और तीनों बटन द्वीप बाक़ी द्वीपों से उत्तर में कुछ दूरी पर हैं।

इन में से अधिकतर द्वीपों का भीतरी हिस्से पर 100 मी॰ (330 फीट) से कम ऊँचाई के टीले और समतल मैदान है। कुछ स्थानों पर अचानक धरती समुद्र से बाहर पथरीले पठारों के रूप में उठी हुई है और कुछ जगहों पर तटों पर खाई जैसी चट्टानें हैं लेकिन अधिकतर तट रेतीले और समतल हैं। बड़े द्वीपों पर कहीं-कहीं पर अनूप झीलें (लगून) बनी हुई हैं और की द्वीपों की पूर्वी ओर (अंडमान सागर वाली दिशा) पर कोरल रीफ़ विस्तृत हैं। हैवलॉक, हेन्री लोरेन्स, जॉन लोरेन्स और पील द्वीपों पर समुद्री पानी की कुछ नहरें बहती हैं लेकिन मीठे पाने के झरने कम हैं या हैं ही नहीं।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "Let's Go India & Nepal 8th Ed," Jane Yang (Editor), Macmillan, 2003, ISBN 9780312320065