मिस्र का धर्म
प्राचीन मिस्र का धर्म (अथवा प्राचीन इजिप्शन धर्म, Egyptian religion) प्राचीन मिस्र देश का सबसे मुख्य- और राजधर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। एक छोटी अवधि के लिये इसमें एकेश्वरवाद की अवधारणा भी रही थी। ईसाई धर्म और बाद में इस्लाम के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया।
इस लेख में देवताओं के अंग्रेज़ी उच्चारण दिये गये हैं, मौलिक इजिप्शन नहीं।
देवता
[संपादित करें]इस धर्म में कई देवता थे : रा (सूर्यदेव), अतुम, च्नुम, अमुन, पिताह, अमुन-रा, ओसिरिस (यमदेव), अनूबिस, अतेन (सृष्टादेव), मिन, थोथ (चन्द्रदेव), होरस इत्यादि। सभी मिस्र के सम्राट (फ़राओ) भी जनता द्वारा जीवित देव्ताओं की तरह पूजे जाते हैं।
देवियाँ
[संपादित करें]प्रमुख देवियाँ थीं : ईसिस (ओसिरिस]] की बहन और पत्नी), नेफ़्थिस, बास्त, नुत, मात इत्यादि।
पूजा
[संपादित करें]पूजा मुख्यतः पशुबलि द्वारा होती थी (सांड, सूअर, भेड़, आदि)। यूनानी लोगों ने देवताओं के लिये कई ख़ूबसूरत मंदिर बनाये थे।
ममी और पिरामिड
[संपादित करें]लगभग हर फ़राओ अपनी लिये मौत के बाद की ज़िन्दगी के लिये बहुत बड़े पिरमिड बनवाता था, जो आज दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक है।