बेटा द्वितीय
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बेटा | |
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महा-मंडलेश्वर, विक्रम-चक्रिन, त्रिभुवन-मल्ल | |
काकतीय शासक | |
शासनावधि | लगभग १०७६-११०८ ईस्वी |
पूर्ववर्ती | प्रोल प्रथम |
उत्तरवर्ती | दुर्गाराजा या प्रोल द्वितीय |
राजवंश | काकतीय |
पिता | प्रोल प्रथम |
बेटा द्वितीय (श.१०७६-११०८ ईस्वी) उर्फ त्रिभुवन-मल्ल दक्षिण भारत के काकतीय राजवंश का सदस्य था। कल्याणी चालुक्य के जागीरदार के रूप में, उन्होंने वेमुलवाड के आसपास केंद्रित सब्बी-१००० प्रांत पर नियंत्रण प्राप्त किया। उन्होंने एक शैव मंदिर का निर्माण करवाया तथा एक जैन मंदिर के लिए भूमि भी दान की।साँचा:Kakatiya dynasty