पूथरेकुलु
पूथरेकुलु | |
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पूथरेकुलु | |
उद्भव | |
संबंधित देश | भारत |
देश का क्षेत्र | पूर्व गोदावरी जिला |
व्यंजन का अविष्कर्ता | अत्रेयपुरम |
व्यंजन का ब्यौरा | |
भोजन | अल्प भोजन |
परोसने का तापमान | कमरे का तापमान |
मुख्य सामग्री | चावल, शर्करा या गुड़, घी |
अन्य जानकारी | मधुमेह के लिए अनुपयुक्त |
पूथरेकुलु एक भारतीय मिष्ठान्न है जो आंध्र प्रदेश के पूर्व गोदावरी जिले के अत्रेयपुरम गांव का प्रसिद्ध व्यंजन है। तेलुगु में 'पुथा' मतलब परत होता है और 'रेकू'(बहुवचन रेकुलु) पर्ण या चादर होता है।
मूल
[संपादित करें]यह आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में एक गांव अत्रेयपुरम में बनाई गई एक वेफर जैसा मीठा पदार्थ है। शुरुआती दिनों में पूथरेकुलु ज्यादातर शाही परिवारों द्वारा खाया जाता था और उत्सव के दौरान बाकी लोगों में वितरित किया जाता था। बाद में धीरे-धीरे गांव में बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया गया और अब इस मीठाई की तैयारी और व्यापार के लिए ये गाव जाना जाता है। मूल्यवर्धन के साथ, यह एक स्वादिष्ट मिष्ठान्न बन गया है जो शहरों में उच्च कीमतों पर बेचा जाता है।[1]
कृती
[संपादित करें]पूथरेकुलु एक विशेष प्रकार के चावल से बनाया जाता है जिसे जया बिय्यम कहते है ('बिय्यम' का अर्थ है चावल)। इसे पीसी हुई चीनी और घी के साथ संयुक्त किया जाता है। खाद्य की उपरी परत बनाने के लिए एक बर्तन को गर्म किया जाता है। बर्तन को उपयुक्त बनाने के लिए, इसमें एक छेद बनाया जाता है और इसे वैकल्पिक रूप से गरम किया जाता है और सतह को चिकना करने के लिए तीन दिनों तक तेल में डुबए कपड़े से चमकाया जाता है। परत बनाने के लिए, मोटे चावल पीस कर लगभग दो घंटे के लिए भिगोए जाते है। एक पतला कपड़ा इस चावल में डुबया जाता है और इसे उल्टे बर्तन पर दाला जाता है जिसके नीचे लौ जलती है। तुरंत पॉट पर खाद्य फिल्म बनाते हैं। परत तुरंत बन जाती है और इसे चीनी / गुड़ के साथ लपेटा जाता है।[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Life, sweetened by `pootarekulu'". द हिंदू. ३ जुलाई २००५. अभिगमन तिथि २४ सितंबर २०१८.
- ↑ "'Putarekulu' making set to get simpler". द हिंदू. ६ अप्रेल २०१६. मूल से 6 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २४ सितंबर २०१८.
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