त्रिपुरासुर
त्रिपुरासुर (= त्रिपुर असुर), तरकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली नामक तीन (असुर) भाई थे। वे तारकासुर के पुत्र थे। वह वज्रांग नामक दैत्य का प्रपौत्र था जो प्रजापति कश्यप और दिति का ज्येष्ठ पुत्र था।
तारकासुर के तीनों पुत्रों ने घोर तप किया। ब्रह्मा ने उन्हें तीन अलग-अलग नगर बसाने का वरदान दिया। वरदान पाकर तीनों ने मय दानव से अपने लिये क्रम से सोने, चाँदी ओर लोहे के तीन नगर बनवाए। ये ही तीन नगर 'पुर' या 'त्रिपुर' कहलाए। ब्रह्मा ने यह भी कहा था कि सहस्रों वर्षों के बाद ये तीनों नगर एक में मिल जायँगे और तब जो एक बाण से ही तीनों पुरों को नष्ट कर सकेगा, वही तीनों भाइयों को मार डालेगा। वरदान पाकर तीनों मनमाना अत्याचार करने लगे। अंत में सहस्रवर्ष बाद तीनों नगरों के मिलने पर देवताओं की प्रार्थना से प्रेरित शिव ने एक बाण से तीनों पुरों को नष्ट किया और तीनों दैत्यों को भी मार डाला। तभी से शिव 'त्रिपुरारि' कहलाए।