ग़
ग़ देवनागरी लिपि का एक वर्ण है। उर्दू के कई शब्दों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कि ग़ायब, ग़ज़ल, ग़नीमत और ग़रीब। अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में इसके उच्चारण को ɣ के चिह्न से लिखा जाता है और उर्दू में इसे غ लिखा जाता है, जिस अक्षर का नाम ग़ैन है।
घोष कण्ठ्य संघर्षी
[संपादित करें]ग़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से 'घोष कण्ठ्य संघर्षी' वर्ण कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे 'वॉयस्ड वेलर फ़्रिकेटिव' (voiced velar fricative) कहते हैं।
ग़लत उच्चारण
[संपादित करें]'ग़' की ध्वनी का उच्चारण कईं लोग ग़लती से 'ग' से मिलता-जुलता कर देते हैं। इस से कभी-कभी शब्दों का अर्थ बदल कर ग़लत अर्थ निकल आता है। उदहारण के लिए पंकज उधास के गाये एक गीत की शुरुआत है -
- साग़र से सुराही टकराती, बादल को पसीना आ जाता
- तुम ज़ुल्फ़ अगर लहरा देतीं, सावन का महिना आ जाता
'साग़र' का मतलब 'गिलास' होता है, विशेष रूप से वह गिलास जिसमें शराब पी जा रही हो। यहाँ एक शराब के गिलास की सुराही से टकराने की बात की जा रही है। लेकिन अगर 'साग़र' को 'सागर' बोला जाए तो यह एक अर्थहीन सी पंक्ति बन जाती है। जिसमे किसी समुद्र से एक सुराही के टकराने की बात की जा रही है।