इस्लामी कला
इसलामी संस्कृति पर एक शृंखला का भाग |
---|
वास्तुकला |
अरबी · अज़ेरी |
कला |
वस्त्र |
अबाया · अगल · बौबौ |
त्योहार |
अशुरा · अरबाईन · अल्-गादीर |
साहित्य |
अरबी · अज़ेरी · बंगाली |
मार्शल कला |
सिलाठ · सिलठ मेलेयु · कुरश |
संगीत |
दस्त्गाह · ग़ज़ल · मदीह नबवी |
थिएटर |
इस्लाम प्रवेशद्वार |
इस्लामी कला में आती हैं, सातवीं शताब्दी से आरंभ हुई कलाएं, जो कि उन लोगों द्वारा (अनिवार्य रूप से मुस्लिम नहीं) जो कि मुस्लिम संस्कृति से जुडे़ क्षेत्रों में रहते थे; के द्वारा बढा़ई गईं।[1] इसमें सम्मिलित हैं इस्लामी वास्तुकला, इस्लामी सुलेखन, चित्रकारी एवं चीनी मिट्टी के कार्य।
वैसे इस्लामी दर्शन और दृश्टिकोण के आधार पर निम्न कळायें उभर कर आईं।
- इस्लामी वास्तुकला
- इस्लामी अक्षरांकन
- इस्लामी संगीत
- इस्लामी साहित्य
- इस्लामी चित्रकारी
- इस्लामी युद्धकला
- इत्यादी
चित्र मालिका
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Marilyn Jenkins-Madina, Richard Ettinghausen, Oleg Grabar, Islamic Art and Architecture 650-1250, Yale University Press, ISBN 0-300-08869-8, p.3
- ↑ "Taj Mahal 2007". World Heritage List (अंग्रेज़ी में). युनेस्को World Heritage Centre. मूल से 4 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि सितंबर 28.
|access-date=
में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
यह इस्लाम से सम्बंधित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |