अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के क्षेत्र को दर्शाने वाला वैश्विक मानचित्र | |
संक्षेपाक्षर | आई॰एस॰ए॰ |
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प्रकार | अन्तरराष्ट्रीय गठबन्धन |
वैधानिक स्थिति | सक्रिय |
उद्देश्य | Bring together a group of nations to endorse clean energy, sustainable environment, public transport and climate |
मुख्यालय | गुरुग्राम, हरियाणा, भारत (अन्तरिम मुख्यालय) |
स्थान |
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सेवित क्षेत्र |
प्रमुखतः कर्क रेखा व मकर रेखा के बीच के देश |
जालस्थल |
intsolaralliance |
अन्तरराष्ट्रीय सौर गठबन्धन (अंग्रेज़ी: International Solar Alliance ; इण्टरनेशनल सोलर अलायंस ) (पुराना नाम : हिन्दी: अन्तरराष्ट्रीय सौर प्रौद्योगिकी एवं अनुप्रयोग अभिकरण , अंग्रेज़ी: International Agency for Solar Technologies and Applications ; इण्टरनेशनल अजेंसी फ़ॉर सोलर टेक्नोलॉजीज़ एण्ड एप्लिकेशंस , INSTA ) सौर ऊर्जा पर आधारित 121[1] देशों का एक सहयोग संगठन है। जिसका शुभारम्भ भारत व फ़्रांस द्वारा 30 नवम्बर 2015 को पैरिस में किया गया। यह भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा की गयी पहल का परिणाम है। जिसकी घोषणा उन्होंने सर्वप्रथम लन्दन के वेम्बली स्टेडियम में अपने उद्बोधन के दौरान की थी। [2][3][4]
यह संगठन कर्क व मकर रेखा के बीच स्थित राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा। ऐसे राष्ट्रों में धूप की उपलब्धता बहुलता में है। इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।[4]
मुख्यालय
[संपादित करें]इस संगठन का अन्तरिम सचिवालय राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान, ग्वालपहाड़ी, गुरुग्राम जनपद में बनाया गया है। इसका उद्घाटन 25 जनवरी 2016 को हुआ था। मुख्यालय के निर्माण हेतु भारत सरकार ने राष्ट्रीय सौर उर्जा संस्थान कैम्पस के भीतर पाँच एकड़ जमीन आवण्टित की है।
25 जनवरी 2016 को भारत के प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी और फ़्रांस के राष्ट्रपति श्री फ्रांस्वा ओलान्द ने संयुक्त रूप से अन्तरराष्ट्रीय सौर गठबन्धन मुख्यालय की आधारशिला रखी।[1]
प्रगति
[संपादित करें]2016 के मरक्केश जलवायु सम्मेलन में 15 नवम्बर 2016 को इस सन्धि का आधिकारिक प्रारूप प्रस्तुत किया गया और पहले दिन 15 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किये। ये देश थे- बांग्लादेश, ब्राज़ील, बुर्कीना फासो, कम्बोडिया, कांगो, डोमिनिकन रिपब्लिक, इथियोपिया, गिनी रिपब्लिक, मैडागास्कर, माली, नौरु, नाइजर, तंज़ानिया तथा तुवालु। वर्तमान में कुल देेेशों की संख्या 76 हो गयी है। पलाउ के जुड़ने के बाद कॉप 26 जलवायु के दौरान अमेरिका उक्त समझौते पर हस्ताक्षर कर आईएसए का 101 वाँ सदस्य देश बन गया।[5]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ "अन्तरराष्ट्रीय सौर गठबंधन [[१२१|121]] देशों का ऐसा पहला अन्तरराष्ट्रीय और अन्तर सरकारी संगठन होगा". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 25 जनवरी 2016. मूल से 8 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 नवम्बर 2016. URL–wikilink conflict (मदद)
- ↑ PM Narendra Modi and French President Francois Hollande to launch game changing solar alliance, दि इकॉनोमिक टाइम्स, 30 November 2015, मूल से 30 नवंबर 2015 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 30 नवंबर 2015
- ↑ France, India to launch global solar alliance, रॉयटर्स, 29 November 2015
- ↑ अ आ http://hindi.economictimes.indiatimes.com/business/business-news/global-solar-alliance-with-india-will-increase-step/articleshow/49972752.cms Archived 2015-12-08 at the वेबैक मशीन
- ↑ "COP26: US joins India-led global solar alliance". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 11 नवम्बर 2021. अभिगमन तिथि 7 जनवरी 2022.
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट में बोले मोदी, सूर्य देवता गठबंधन में सबसे बड़े साथी
- भारत बना सोलर पावर की राजधानी, चीन को इस क्षेत्र में भी देगा चुनौती
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