हिंदू धर्मसुधार आंदोलन
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हिंदू धर्मसुधार आंदोलन भारत में हिंदू धर्म माने वाला लोगन के बीचा में अपना धरम के मान्यता, बिस्वास आ सामाजिक पहलू सभ पर समालोचना के नजरिया से देखे आ समाज आ धार्मिक रीति-रेवाज सभ में ओह जमाना में मौजूद कुरीत सभ के खिलाफ आंदोलन रहल। ई आंदोलन 19वीं आ 20वीं सदी में[1] चलल आ कुछ नजरिया से अभिन ले चल रहल बाटे। एकर अगुवा बंगाल रिनासाँ (बंगाल पुनर्जागरण) के नेता लोगन के, खास क के राजा राममोहन राय के मानल जाला। बाद में एह में अउरी कई लोग योगदान कइल; जइसे की दयानंद सरस्वती के चलावल आर्य समाज आंदोलन।
ओह दौर में, जब पच्छिमी बिचार, बिद्या आ सामाजिक बेवस्था से हिंदू समाज के साम्हना भइल, ऊँच जाति के लोगन के आपन समाज के कई पहलू पर दोबारा समालोचना के जरूरत आ सुधार के जरूरत महसूस भइल जेकर परिणाम ई धर्म-सुधार आंदोलन रहल।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ प्रकाश, रबि. "Hindu Reform Movement – Religion and society". ebooks.inflibnet.ac.in. Retrieved 12 अक्टूबर 2024.
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