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लोहड़ी

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लोहड़ी जाड़ा के समय में भारतीय उपमहादीप में मनावल जाए वाला एगो लोक तिहुआर हवे। मुख्य रूप से भारतपाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र आ आसपास के इलाका सभ में ई तिहुआर सिख, हिंदू आ अन्य धरम के लोगन द्वारा मनावल जाला। परंपरा अनुसार ई सुरुज के संक्रांति, जेकरे बाद दिन के लंबाई बढ़े लागे ला, से जुड़ल तिहवार हवे आ मकर संक्रांति के एक दिन पहिले के रात के मनावल जाला। अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से ई हर साल १३ जनबरी के मनावल जाला। एकरा के माघी भी कहल जाला काहें से कि ई चंद्र-सुरुज कलेंडर के हिसाब से माघ महिन्ना में पड़े ला।

तिहुआर के मनावे के परंपरा में रात के लकड़ी के ढेर जरावल जाला आ ओकरे आसपास नाच-गाना होखे ला। परंपरानुसार खान-पान आ एक दुसरे के बधाई दिहल तिहुआर के रेवाज में सामिल बा।